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जीवतिया मुहूर्त एवं कथा

हिन्दू मान्यताओ मे अष्विन माष के कृष्णपक्ष मे जीवतिया का पर्व मनाया जाता है, यह विशेषत्या उत्तरप्रदेश बिहार का पर्व है | जीवित्पुत्रिका पूजन का सही समय  आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ 09 सितंबर, बुधवार को दोपहर 01:35 बजे पर होगा. जो 10 सितंबर, गुरुवार दोपहर 03:04 बजे तक रहेगी. उदया तिथि की मान्यता के कारण व्रत 10 सिंतबर को रखा जाएगा. जीवित्पुत्रिका कथा  नर्मदा नदी के पास एक नगर था कंचनबटी. उस नगर के राजा का नाम मलयकेतु था. नर्मदा नदी के पश्चिम में बालुहटा नाम की मरुभूमि थी, जिसमें एक विशाल पाकड़ के पेड़ पर एक चील रहती थी. उसे पेड़ के नीचे एक सियारिन भी रहती थी. दोनों पक्की सहेलियां थीं. दोनों ने कुछ महिलाओं को देखकर जितिया व्रत करने का संकल्प लिया और दोनों ने भगवान श्री जीऊतवाहन की पूजा और व्रत करने का प्रण ले लिया. लेकिन जिस दिन दोनों को व्रत रखना था, उसी दिन शहर के एक बड़े व्यापारी की मृत्यु हो गई और उसका दाह संस्कार उसी मरुस्थल पर किया गया. सियारिन को अब भूख लगने लगी थी. मुर्दा देखकर वह खुद को रोक न सकी और उसका व्रत टूट गया. पर चील ने संयम रखा औ...

Balidan :बलिदान

Balidan :बलिदान  कुलीन वंश में पैदा हो कर एक बार एक पंडित संसार से वितृष्ण हो संन्यासी का जीवन-यापन करने लगा।  उसके आध्यात्मिक विकास और संवाद से प्रभावित हो कुछ ही दिनों में अनेक सन्यासी उसके अनुयायी हो गये। एक दिन अपने प्रिय शिष्य अजित के साथ जब वह एक वन में घूम रहा था तब उसकी दृष्टि वन के एक खड्ड पर पड़ी जहाँ भूख से तड़पती एक बाघिन अपने ही नन्हे-नन्हे बच्चों को खाने का उपक्रम कर रही थी।  गुरु की करुणा बाघिन और उसके बच्चों के लिए उमड़ पड़ी। उसने अजित को पास की बस्ती से बाघिन और उसके बच्चों के लिए कुछ भोजन लाने के लिए भेज दिया। फिर जैसे ही अजित उसकी दृष्टि से ओझल हुआ वह तत्काल खाई में कूद पड़ा और स्वयं को बाघिन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। भूखी बाघिन उसपर टूट पड़ी और क्षण भर में उसने अपना भूख शांत किया । अजित जब लौटकर उसी स्थान पर आया उसने गुरु को वहाँ न पाया। तो जब उसने चारों तरफ नज़रें घुमाईं तो उसकी दृष्टि खाई में बाघिन और उसके बच्चों पर पड़ी।  वे खूब प्रसन्न हो किलकारियाँ भरते दीख रहे थे।  किन्तु उनसे थोड़ी दूर पर खून में सने कुछ कपड़ों के चीथड़े बिखरे पड़े थे...

haritalika teej puja 2020 :हरितालिका तीज पूजा 2020

Haritalika teej katha 2020 :हरितालिका तीज 2020 हर साल भाद्रपद माष के शुक्लपक्ष के तीसरे दिन हरितालिका तीज की पूजा होती है, मान्यताये है की माँ पार्वती ने कठोर तप से भगवान शंकर को प्रसन्न किया तथा उनको पति रूप मे वर माँगा, माँ पार्वती की निष्ठां देख भगवान शंकर ने उन्हें मनोवांछित फल का वरदान दिया,, जिसके उपरांत भगवान शंकर और माँ पार्वती विवाह सूत्र मे बंध गए,,,  माँ पार्वती की स्मरणीय गाथा द्वारा इस व्रत का उल्लेख किया गया है,, जिसके अनुसार कोई भी कुंवारी कन्या इस व्रत को कर के मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त कर सकती है, तथा सुहागिने अपने सुहाग की लम्बी आयु और सुख समृद्धि के लिए यह व्रत करती है, इस व्रत मे सरगही खा कर, उपवास करती है, तथा संध्या सुहागिने सोलह श्रृंगार करके भगवान शंकर और माँ पार्वती की रेत से बनी प्रतिमा की पूजा कथा व आरती करती है । Haritalika teej puja shubh muhurt :हरितालिका तीज पूजा शुभ मुहूर्त  हरितालिका   तीज पूजा इस साल 21 अगस्त को मनाई जाएगी । हरीतालिका पूजा शुभ मुहूर्त - शाम 6 बजकर 54 मिन्ट्स से लेकर रात 9 बजकर 6 मिनट तक । Haritalika ...

आत्मा की यात्रा

आत्मा की यात्रा  : पुराण साहित्य में गरूड़ पुराण का प्रमुख है। सनातन धर्म में यह मान्यता है कि शरीर त्यागने के पश्चात् गरूड़ पुराण कराने से आत्मा को वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति हो जाती है। आत्मा तरह दिन तक अपने परिवार के साथ होता है उसके  बाद अपनी यात्राएं के लिए निकल पड़ता ""'!! प्रेत योनि को भोग रहे व्यक्ति के लिए गरूड़ पुराण करवाने से उसके आत्मा को शांति प्राप्त होती है और वह प्रेत योनि से मुक्त हो जाता है। गरूड़ पुराण में प्रेत योनि एवं नर्क से बचने के उपाय बताये गये हैं। इनमें दान-दक्षिणा, पिण्ड दान, श्राद्ध कर्म आदि बताये गये हैं। आत्मा की सद्गति हेतु पिण्ड दानादि एवं श्राद्ध कर्म अत्यन्त आवश्यक हैं और यह उपाय पुत्र के द्वारा अपने मष्तक पिता के लिये है क्योंकि पुत्र ही तर्पण या पिण्ड दान करके पुननामक नर्क से पिता को बचाता है।  संसार त्यागने के बाद क्या होता है:-  मनुष्य अपने जीवन में शुभ, अशुभ, पाप-पुण्य, नैतिक-अनैतिक जो भी कर्म करता है गरूड़ पुराण ने उसे तीन भागों में विभक्त किया है। पहली अवस्था में मनुष्य अपने शुभ-अशुभ, अच्छे-बुरे कर्मों को इसी लोक में...

धर्म का मार्ग

धर्म का मार्ग : संसार मे आय दिन मानवता के कल्याण की बाते की जाती है, कल्याण शब्द का अर्थ है जिससे जीवन सरल बन सके, कष्टों से छुटकारा हो, मनुष्य की आर्थिक और  मानसिक स्थिति मजबूत हो, जिस मार्ग का अनुसरण करके मनुष्य अपने सपने साकार कर सके, और एक अच्छा इंसान बन सके, ""!* गीता मे मनुस्यो के सारी समस्याओ का हल मौजूद है, गीता मे वर्णित हर श्लोक मनुष्य को मानवता को नई राह पर ले जाता है ओर उसके अंदर की बुरी मानसिकता को नस्ट कर देता है,,,    त्रिभिर्गुणमयैर्भावैरेभिः सर्वमिदं जगत्‌।                  मोहितं नाभिजानाति मामेभ्यः परमव्ययम्‌॥ इस श्लोक के अनुसरण मनुष्य केवल तीन तरह के गुणों को धारण कर सकते है जो  सात्विक, राजसिक ओर तामसिक कहलाते है, जो जैसे गुण अपनाते है उन्हें वैसा ही फल प्राप्त होता है, और इन तीन गुणों के अलावा मनुष्य दूसरे गुण समझ ही नहीं सकते, परन्तु इसके ऊपर भी एक अविनाशी गुण है जिसे भगवान श्री विष्णु धारण करते है, "!" सात्विक गुण साधु संत धारण करते है, सात्विकता का मार्ग काफी कठिन होता है, लेकिन सात्वि...

स्वप्नफल

स्वप्नफल  ~~~~~~ हम सोते समय अक्सर विचित्र स्वप्न देखते है, ये स्वप्न अपने आपमें  मे एक रहस्य होते है, कुछ लोगो के स्वप्न बस स्वप्न मात्र रह जाते है जबकि कुछ लोगो के स्वप्न हकिकत भी हो जाते है,  स्वप्न लोक  बड़ी अजीब होती है, ना होने वाली चीज भी वहा अपनी होती दिखाई देती है, बड़े बुजुर्ग कहते है की ब्रह्ममुहूर्त (4am-6am) मे देखा जाने वाला स्वप्न सच हो जाता है,  जबकि कुछ स्वप्न विशेषज्ञ कहते है की रात्रि के हर पहर मे देखा जाने वाला स्वप्न सच हो जाता है परन्तु सबकी अवधि अलग अलग होती है,  जैसे रात्रि 12 बजे से 2 बजे तक के स्वप्न 1 या 2 साल के भीतर सच होते है, उसके बाद 2 बजे से 4 बजे तक के स्वप्न 6 महीने मे सच हो जाते है, औऱ बिलकुल सुबह सुबह देखा जाने वाला स्वप्न 1 महीने के अंदर सच हो जाते है, यह बिलकुल जरुरी नहीँ होता की हर स्वप्न सच हो जाये, किन्तु कुछ स्वप्न जिसका आपसे आपके परिवार से वास्ता हो, वैसे स्वप्न अक्सर सच हो जाते है,  स्वप्न कई प्रकार के होते है,......  सूचना वर्धक स्वप्न : ~~~~~~~~~~~~ ऐसे स्वप्न एक प्रकार की सुचना देने वाले हो...