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मंगलवार व्रत कथा

मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए और मंगल को बलि बनाने के लिए मंगलवार का व्रत करना बहोत फलदायक है. 

इस व्रत को करने से ऋण का निवारण एवं आर्थिक समस्या का समाधान होता है. यह व्रत संतति सौख्य प्रदायक  एवं आत्मशक्ति तत्त्व का सूचक भी है. इस व्रत को निम्न तरीके से पूर्ण श्रद्धा के साथ करे.

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मंगलवार व्रत विधि :

- मंगलवार का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से प्रारंभ करे और २१ या ४५ मंगलवार तक करे. 

- मंगलवार के दिन प्रात: स्नान आदि करके हनुमानजी के मंदिर में जाकर दर्शन और तेल का  दीपक करे. तथा लाल पुष्प की माला और श्रीफल अर्पण करे. एवं "ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:" इस बिज मंत्र का यथाशक्ति जाप करे. 

- भोजन में गेहू के आटे, गुड और घी से हलवा बनाये. भोजन से पूर्व हलवा का कुछ भाग बैल-पशु को देकर भोजन करे. भोजन में प्रथम ७ ग्रास हलवा ग्रहण करे फिर अन्य पदार्थ ग्रहण करे. भोजन में नमक का प्रयोग न करे. 

- अंतिम मंगलवार को हवन क्रिया के पश्चात बालक-विद्यार्थी को मोदक लड्डू या हलवा सहित भोजन कराकर दक्षिणा स्वरूप लाल वस्त्र, ताम्रपत्र, गुड,नारियल आदि प्रदान करे.
 
* व्रत कब नष्ट नहीं होता है : व्रत के दिन जल, सभी प्रकार के फल, दूध एवं दूध से बने पदार्थ या औषध सेवन करने से व्रत नष्ट नहीं होता है.
 
* व्रत कब नष्ट होता है : व्रत के दिन एक बार भी पान खाने से, दिन के समय सोने से, स्त्री रति प्रसंग आदि से व्रत नष्ट होता है.


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